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Atmospheric Sciences
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वायुमंडलीय विज्ञान विभाग की वैज्ञानिक शोध मुख्यतः महाद्वीप एवं महासागर के विविध वायुमंडलीय विधियों के माध्यम से निम्न मात्रा मे पायी जाने वाली गैसों ,ऐरोसोल,एवं वायुमंडलीय क्षोभमंडल एवं समतापमंडल विकिरणों के अन्वेषणों पर संकेंद्रित है। इसके अलावा गणितीय मॉडलिंग का अभिप्रयोग बदलते जालवायु पारिवर्तन एवं इसके प्रभाव को समझने मे किया जा रहा है।
प्रमुख गतिवेधिया :
- हरितगृह गैस (ग्रीन हाउस गैस) उत्सर्जन सूची:
- उत्सर्जन गुणकों (emission factors) का विकास :
- अनुरेख गैसों (trace gases) का मापन :
- वायुमंडलीय अभिकणों (atmospheric particulates) का अध्ययन:
- लीडार तथा ऍफ़. टी. आई. आर. (FTIR) आधारित वायुमंडलीय अन्वेषण:
- वायुमंडलीय अभिकणों के समस्थानिकों का अध्ययन :
- वायुमंडलीय प्रश्लिषों के विकिरक गुणधर्मों का प्रतिरुपण:
- समताप मण्डल एवं क्षोभ मंडल की पारस्परिक विनिमय प्रक्रियाओं का अध्ययन :
- वायुमंडलीय रसायन विज्ञान प्रतिरूपण :
- नेत्र स्वास्थ्य पर पराबैंगनी (ultraviolet) विकिरण का प्रभाव:
- जलवायु परिवर्तन प्रतिरूपण :
- जलवायु परिवर्तन भेद्यता (vulnerability ) आकलन:
भारतीय क्षेत्रों में विभिन्न मानवीय स्रोतों से हरितगृह गैसों की उत्सर्जन मात्रा की सूची तैयार की जा रही हैं । इससे ' जलवायु परिवर्तन के प्रभावों के न्यूनीकरण के लिए मुख्य स्रोतों की पहचान करके उनसे उत्सर्जन को कम करने के लिए आवश्यक नीतिगत फैसले लेने में मदद मिलती है । यह जलवायु परिवर्तन प्रतिरूपण में अनिश्चितताओं को भी कम करने में भी सहायता देता है ।
अपशिष्ट भरावक्षेत्रों(landfills) से हरितगृह गैस उत्सर्जन के गुणकों का विकास, घरेलू कार्य में उपयोग होने वाले जैव ईंधन से ब्लैक कार्बन (black carbon) के उत्सर्जन एवं कृषि क्षेत्रों से अमोनिया उत्सर्जन " इत्यादि, का क्षेत्र एवं प्रयोगशाला आधारित मापन के द्वारा उत्सर्जन गुणकों के देश विशिष्ट मूल्यों का विकास किया जा रहा है। यह प्रयास इन क्षेत्रों से उत्सर्जन मात्र के मापन में अनिश्चितताओं को कम करने में सहायक सिद्ध होगा |
वायुमंडलीय रसायन शास्त्र अध्ययन हेतु - कार्बन डाइऑक्साइड, ओजोन, कार्बन मोनोआक्साइड, सल्फर डाइऑक्साइड, गैर मीथेन वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों, अमोनिया, नाइट्रोजन के ऑक्साड्स इत्यादि - विभिन्न अनुरेख गैसों का मापन, देश के विभिन्न क्षेत्रों के साथ ध्रुवीय क्षेत्रों में भी किया जा रहा है |
विभिन्न प्रकार एवं आकार के अभिकणों के रूपात्मक, भौतिक और रासायनिक गुणों की माप का गहन अध्ययन किया जा रहा है । इसके लिए अभिकणों का संकलन देश के विभिन्न क्षेत्रों एवं अंटार्कटिक क्षेत्र में किया जा रहा है इससे विभिन्न वायुमंडलीय प्रक्रियायों में उनकी भूमिका पर प्रकाश पड़ता है |
इन उपकरणों का इस्तेमाल, बादल एवं वायुमंडलीय प्रश्लिषों (atmospheric aerosols) के पारस्परिक क्रियाओं ( interaction ) तथा अनुरेख गैसों के उर्ध्वकारी गुणधर्म के अध्ययन के लिए किया जा रहा है ।
कार्बन, नाइट्रोजन, सल्फर, हाईड्रोजन एवं ऑक्सीजन (C, N, S, H, O ) के स्थिर समस्थानिकों का प्रयोग योगदानकारक स्रोतों (स्रोत गुणधर्म ) और अभिकणीय पदार्थों के रासायनिक प्रसंस्करण में भाग लेने वाले माध्यमिक प्रक्रियाओं की व्याख्या के लिए किया जा रहा है ।
वायुमंडलीय विकिरण बजट पर वायुमंडलीय प्रश्लिष-लदान(aerosol loading) के प्रभावों का प्रतिरूपण किया जा रहा है, इससे जलवायु प्रबलता (climate forcing ) में वायुमंडलीय अभिकणों के योगदान को समझने में मदद मिलेगी ।
उच्च क्षोभ मंडल एवं निम्न समताप मण्डल में जलवाष्प वितरण और उष्णकटिबंधीय क्षेत्र पर इसकी परिवर्तनशीलता का अध्ययन किया जा रहा है.
वायुमंडलीय रासायनिक परिवहन प्रतिरूप( chemical transport model ) एवं वायुमंडलीय प्रकाश-रासायनिक प्रतिरूप का इस्तेमाल वायुमंडलीय रसायन शास्त्र से सम्बंधित मुद्दों का अध्ययन करने के लिए किया जा रहा है ।
पर्यावरण परिवर्तन और पराबैंगनी विकिरण (UVR) के उद्घाटन (exposure) से भारत में नेत्र स्वास्थ्य पर पड़ने वाले दुष्प्रभावों का अध्ययन, विभिन्न स्थलों पर नेत्र स्वास्थ्य और विकिरण की निगरानी के माध्यम से किया जा रहा है ।
मैजिक्क-सीनजेन ("MAGICC-SCENGEN") जलवायु परिवर्तन प्रतिरूप का इस्तेमाल हरितगृह गैस की सांद्रताओं और अन्य जलवायु परिवर्तन संबंधी मापदंडों के भावी परिदृश्यों को विकसित करने के लिए किया जा रहा है ।
भारत में भविष्य में जलवायु परिवर्तन के कारण होने वाले उच्च तापमान के प्रभावों की भेद्यता का आकलन किया जा रहा है ।
मुख्य सुविधायें
प्राथमिक ओजोन मानक
प्राथमिक ओजोन अंशांकन सुविधा ( मानक ओजोन फोटोमीटर , एसआरपी -43)
भू - सतही ओजोन सांद्रता एक महत्वपूर्ण वायु गुणवत्ता प्राचल (parameter) है , जिसे विश्व भर में पर्यवेक्षित एवं विवृत किया जाता है । भू - सतही ओजोन स्तर में वृद्धि का मानव स्वास्थ्य , फसल , पेड़ - पौधे , वातावरण और जलवायु के ऑक्सीकरण क्षमता पर प्रभाव , एक चिंता का विषय है । भू - सतही ओजोन सांद्रता की निगरानी और न्यूनीकरण हेतु अंतर्राष्ट्रीय प्रयास किये जा रहे हैं । ओजोन सांद्रता आकलन की संदर्भ विधि पराबैंगनी प्रकाशमापी (photometer ) का अंशांकन है । जिसके लिए आईएसओ मानक 13964 का अनुसरण किया जाता है |
1980 के दशक में अमेरिका के राष्ट्रीय मानक एवं प्रौद्योगिकी संस्थान ( निस्ट ; NIST) ने , अमेरिका पर्यावरण संरक्षण एजेंसी (USEPA) के साथ संयुक्त सहयोग के तहत , ओजोन मापन में मानक अनुरेखनीयता सुनिश्चित करने के लिए ओजोन संदर्भ मानक ( निस्ट एसआरपी ; NIST SRP ) विकसित की है । निस्ट एसआरपी के विभिन्न प्रतिरूपों का राष्ट्रीय , अंतरराष्ट्रीय एवं राष्ट्रीय माप - विद्या संस्थानों में ओजोन अंशांकन के लिए इस्तेमाल किया जा रहा है ।
इसी प्रक्रिया के अंतर्गत , निस्ट मानक संदर्भ प्रकाशमापी (photometer ), क्रम संख्या 43 (SRP43) राष्ट्रीय भौतिक प्रयोगशाला भारत (NPLI) में स्थापित किया गया है। यह ओजोन अणु के 253.7 नैनो मीटर पराबैगनी प्रकाश के अवशोषण के सिद्धांत पर काम करता है |
- इसका सुविधा का उद्देश्य , देश और दक्षिण एशियाई क्षेत्र में भू - सतही ओजोन मापन में गुणवत्ता प्रतीति (assurance) एवं शीर्ष स्तर की अनुरेखणीयता (APEX level traceability) की सुविधा प्रदान करना है |
निस्ट एसआरपी 43 की अंशांकन क्षमताएं :
प्राचल | सीमा | आवृत्त गुणक k =2 ( विश्वास का स्तर =95%) पर " माप अनिश्चितता " |
ओजोन | (0 to 500) पीपीबी | U(x)=[(1.0) 2 + (0.020x) 2]1/2 x = ओजोन सांद्रता U(x)= Q[1.0,0.020x]; Q[a,b]=[a 2 + b 2] 1/2 |
प्रमुख उपलब्धि :
ओजोन संदर्भ मानकों की BIPM.QM-K1 के अंतर्गत आधारभूत तुलना
- माइक्रो पल्स लीडार
- अनावृत पथ फूरियर रूपांतरण अवरक्त वर्णक्रममापी ( ओपन पाथ फूरियर ट्रांसफॉर्म इन्फ्रारेड स्पेक्ट्रोमीटर ) (OP-FTIR)
- CF-IRMS सुविधा
पायरो - क्यूब तात्विक विश्लेषक (elemental analyzer) - आइसोप्राइम 100 स्टेबल मास स्पेक्ट्रोमीटर के साथ युग्मित
- वायुमंडलीय धूल , मिट्टी , तलछट , जैवजनित उत्पादों में कार्बन , नाइट्रोजन , सल्फर , हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन ( C, N, S, H and O ) के समस्थानिक अभिकणों के विश्लेषण में सक्षम
- कार्बन , नाइट्रोजन एवं सल्फर (C, N, S) के स्थिर समस्थानिकों का प्रयोग योगदानकारक स्रोतों ( स्रोत गुणधर्म ) और अभिकणीय पदार्थों के रासायनिक प्रसंस्करण में भाग लेने वाले माध्यमिक प्रक्रियाओं की व्याख्या के लिए किया जा रहा है ।
- अभिकणीय पदार्थों के हाइड्रोजन एवं ऑक्सीजन (H, O) समस्थानिक , अभिकणों के प्राकृतिक निर्माण के दौरान स्रोत एवं मात्रा के लिए भी अंतर्दृष्टि प्रदान करते हैं ।
- एथेलोमीटर तथा नेफेलोमीटर
- ओसी / इसी विश्लेषक
जैव एवं तात्विक कार्बन के विश्लेषण हेतु
- आयन वर्णलेखक ( Ion-Chromatograph)
- विस्तृत प्रसर प्रश्लिष - वर्णक्रममापी ( Wide Range Aerosol Spectrometer)
- ओजोन , नाइट्रोजन के ऑक्साड्स , कार्बन मोनोआक्साइड , गैर मीथेन वाष्पशील कार्बनिक यौगिकों (NMVOC), अमोनिया - के लिए गैस वर्णलेखक / गैस विश्लेषक
- UV-VIS-IR पाईरैनोमीटर , बायोमीटर , पाईरगोमीटर
- UVB और UVA फ्लक्स मापन सेटअप
- बहु - तरंगदैर्ध्य रेडियोमापी ( Multi-Wavelength Radiometer) (MWR)
- माइक्रोटॉप्स